Not known Facts About sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

मां भगवती के इस पाठ को करने की विधि है उसका पालन जरूर करें. आइए जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

Attract a line from the Sahasrara. Within the junction where by the eyes, ears, nose and mouth unite on that axis, that is The situation of depth During this meditation.

नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।

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नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो here हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

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